


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्वदेशी लोग: अद्वितीय संस्कृतियाँ और परंपराएँ
नेग्रिटो स्वदेशी लोगों का एक समूह है जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रहते हैं, जो बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं। इन्हें जारवा, ग्रेट अंडमानीज़ और ओंगे के नाम से भी जाना जाता है। ये समूह हजारों वर्षों से इन द्वीपों पर रह रहे हैं और उन्होंने अनूठी संस्कृतियाँ और परंपराएँ विकसित की हैं। नेग्रिटो की पहचान उनके छोटे कद, गहरी त्वचा और घुंघराले बालों से होती है। उनकी एक विशिष्ट शारीरिक बनावट है जो उन्हें क्षेत्र की अन्य आबादी से अलग करती है। उनकी एक अनूठी भाषा और सांस्कृतिक प्रथाएं भी हैं जो मुख्य भूमि की भारतीय आबादी से भिन्न हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर नेग्रिटो का एक लंबा इतिहास है, जिसमें लगभग 30,000 साल पहले मानव निवास के प्रमाण मिलते हैं। उन्होंने सदियों से एक समृद्ध संस्कृति और परंपराएँ विकसित की हैं, जिनमें संगीत, नृत्य और कला के अनूठे रूप शामिल हैं। हालाँकि, हाल के वर्षों में बीमारी, प्रवासन और भूमि अधिकारों की हानि जैसे कारकों के कारण उनकी आबादी में गिरावट आ रही है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि "नेग्रिटोज़" शब्द विवाद से रहित नहीं है, क्योंकि इसका उपयोग ऐतिहासिक रूप से अमानवीयकरण के लिए किया गया है। इन समुदायों को हाशिए पर धकेलें। कई लोग "अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्वदेशी लोग" या अन्य विशिष्ट शब्दों को पसंद करते हैं जो उनकी विविध संस्कृतियों और पहचान को दर्शाते हैं।



