


उपद्रवीवाद को समझना: परिभाषा, इतिहास और उदाहरण
उपद्रवीवाद एक संज्ञा है जो उद्दाम या उच्छृंखल व्यवहार को संदर्भित करती है, जो अक्सर तेज़ शोर, शारीरिक असभ्यता और सामान्य अराजकता की विशेषता होती है। इस शब्द का उपयोग अक्सर उन लोगों के समूहों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो शोर और विघटनकारी तरीके से व्यवहार कर रहे हैं, खासकर सार्वजनिक स्थानों जैसे बार, पार्टियों या खेल आयोजनों में।
"उपद्रवी" शब्द का एक लंबा इतिहास है, जो 14 वीं शताब्दी का है। . इसकी उत्पत्ति मध्य अंग्रेजी शब्द "राउडी" से हुई है, जो पुराने नॉर्स शब्द "रूडी" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "अनियंत्रित" या "जंगली।" समय के साथ, यह शब्द ऐसे कई व्यवहारों को शामिल करने के लिए विकसित हुआ, जिन्हें विघटनकारी या अनियंत्रित माना जाता था, जिनमें शराबीपन, लड़ाई और सामान्य हाथापाई शामिल थी। आधुनिक उपयोग में, उपद्रव अक्सर कॉलेज पार्टियों, खेल आयोजनों और अन्य सामाजिक समारोहों से जुड़ा होता है जहां बड़े समूह होते हैं लोग शराब पीने, नाचने और मौज-मस्ती करने के लिए एक साथ आते हैं। जबकि उपद्रवी व्यवहार मनोरंजक और आनंददायक हो सकता है, यह विघटनकारी और खतरनाक भी हो सकता है, खासकर अगर यह नियंत्रण से बाहर हो जाए। वैसे, अधिकारी और कार्यक्रम आयोजक अक्सर उपद्रव को रोकने या कम करने के लिए काम करते हैं, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर जहां यह गड़बड़ी पैदा कर सकता है या सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।



