


रिमस्की-कोर्साकोव: रूसी शास्त्रीय संगीत के एक अग्रदूत
रिमस्की-कोर्साकोव (1840-1908) एक रूसी संगीतकार थे, जो रूसी संगीत के विकास में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक थे। वह "द फाइव" के सदस्य थे, जो संगीतकारों का एक समूह था, जो यूरोपीय मॉडलों पर भरोसा करने के बजाय शास्त्रीय संगीत की एक विशिष्ट रूसी शैली बनाने की मांग करता था। रिमस्की-कोर्साकोव का संगीत अपने समृद्ध सामंजस्य और ऑर्केस्ट्रेशन के साथ-साथ अपने रूसी साहित्य से लोक धुनों और विषयों का उपयोग। उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध कार्यों में सिम्फोनिक सूट "शेहेरज़ादे", ओपेरा "द गोल्डन कॉकरेल", और आर्केस्ट्रा का काम "द टेल ऑफ़ ज़ार साल्टन" शामिल हैं। रिम्स्की-कोर्साकोव एक प्रभावशाली शिक्षक भी थे, और उनके कई छात्र आगे बढ़े। अपने आप में प्रमुख संगीतकार बनने के लिए। उन्हें अब तक के सबसे महान रूसी संगीतकारों में से एक माना जाता है, और उनके संगीत का दुनिया भर में प्रदर्शन और प्रशंसा होती रहती है।



