


कोलोम्बंगारा: पूर्वी तिमोर का एक पारंपरिक हथियार
कोलोम्बंगारा तिमोर द्वीप का एक प्रकार का पारंपरिक हथियार है, विशेष रूप से पूर्वी तिमोर देश का। यह एक लंबे हैंडल वाला हथियार है जिसके हैंडल के सिरे पर एक भारी ब्लेड लगा होता है, जिसका उपयोग करीबी लड़ाई और आत्मरक्षा के लिए किया जाता है। हथियार आमतौर पर लोहे या स्टील से बनाया जाता है और पूर्वी तिमोर में पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। "कोलोम्बंगारा" शब्द तिमोरीस भाषा से लिया गया है, जहां "कोलो" का अर्थ "ब्लेड" और "बंगारा" का अर्थ "हैंडल" है। इस हथियार का उपयोग पूर्वी तिमोर में सदियों से किया जाता रहा है, और यह देश की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। कोलोम्बंगारा को तिमोर के अन्य हिस्सों में "कोलीमाउ" या "कोलीबारंग" के रूप में भी जाना जाता है, और यह अन्य पारंपरिक के समान है दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाने वाले हथियार, जैसे इंडोनेशियाई "क्रिस" और मलेशियाई "ग्लेडियस"।



