


दुर्लभ खनिज रैमल्सबर्गाइट: खोज, गुण और उपयोग
रैमल्सबर्गाइट एक दुर्लभ खनिज है, जिसका रासायनिक सूत्र Pb2(Fe2+,Fe3+)2(PO4)2(OH)2 है। इसकी खोज 1869 में जर्मनी के गोस्लर के पास रामेल्सबर्ग खदान में की गई थी और इसका नाम इसी स्थान के नाम पर रखा गया है। यह खनिजों के फॉस्फेट परिवार का सदस्य है और मोनोक्लिनिक प्रणाली में क्रिस्टलीकृत होता है। रैमल्सबर्गाइट आमतौर पर ऑक्सीकृत सीसा-असर जमा में पाया जाता है, जो अक्सर अन्य खनिजों जैसे गैलेना, स्पैलेराइट और पायरोमोर्फाइट से जुड़ा होता है। यह एक नरम, भंगुर खनिज है जिसकी मोह कठोरता लगभग 2.5 है, और इसे आसानी से खरोंच या कुचला जा सकता है। इसमें कांच जैसी चमक के साथ सफेद से हल्का पीला रंग होता है। रैमल्सबर्गाइट को गहनों में इसके उपयोग के लिए अच्छी तरह से नहीं जाना जाता है, क्योंकि यह अपेक्षाकृत नरम होता है और बहुत टिकाऊ नहीं होता है। हालाँकि, इसे कभी-कभी संग्राहक की वस्तु के रूप में उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से खनिज संग्राहकों द्वारा जो दुर्लभ और असामान्य खनिजों में रुचि रखते हैं।



