


नकल को समझना: प्रकार, प्रभाव और उद्देश्य
इंपोस्ट वे कर या शुल्क हैं जो वस्तुओं या सेवाओं पर तब लगाए जाते हैं जब उन्हें किसी देश में आयात किया जाता है। शब्द "इंपोस्ट" लैटिन शब्द "इम्पोनेरे" से आया है, जिसका अर्थ है "लगाना" या "लगाना"। आयात शुल्क आम तौर पर आयात करने वाले देश की सरकार द्वारा लगाया जाता है और इसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और घरेलू उद्योगों की रक्षा करना है। टैरिफ: ये आयातित वस्तुओं पर उनके मूल्य या वजन के आधार पर लगाए गए कर हैं।
2. सीमा शुल्क: ये राजस्व बढ़ाने और व्यापार को विनियमित करने के लिए आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला शुल्क है।
3. आयात कोटा: ये किसी विशेष वस्तु की मात्रा पर लगाई गई सीमाएँ हैं जिन्हें किसी देश में आयात किया जा सकता है।
4. एंटी-डंपिंग शुल्क: ये आयातित वस्तुओं पर लगाए गए कर हैं जो उनके उचित बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचे जाते हैं।
5. प्रतिकारी शुल्क: ये निर्यातक देश द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी की भरपाई के लिए आयातित वस्तुओं पर लगाए गए कर हैं। आयात शुल्क अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, क्योंकि वे आयात की लागत बढ़ा सकते हैं और उन्हें घरेलू उत्पादों के साथ कम प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं। हालाँकि, इनका उपयोग आर्थिक संरक्षणवाद और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में भी किया जा सकता है।



