


बिस्मथिनाइट: बिस्मथ का एक दुर्लभ लेकिन महत्वपूर्ण अयस्क खनिज
बिस्मथिनाइट बिस्मथ सल्फाइड (Bi2S3) से बना एक खनिज है और बिस्मथ के सबसे महत्वपूर्ण अयस्क खनिजों में से एक है। यह एक भंगुर, पीले से नारंगी-पीले रंग का खनिज है जो मोनोक्लिनिक प्रणाली में क्रिस्टलीकृत होता है। बिस्मुथिनाइट आमतौर पर हाइड्रोथर्मल नसों में पाया जाता है और यह गैलेना, पाइराइट और आर्सेनोपाइराइट जैसे अन्य सल्फाइड खनिजों से जुड़ा होता है। बिस्मुथिनाइट का वर्णन पहली बार 1845 में जर्मनी के हार्ज़ पर्वत से किया गया था, और तब से यह दुनिया के कई हिस्सों में पाया गया है, जिसमें शामिल हैं उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका। यह एक अपेक्षाकृत दुर्लभ खनिज है, लेकिन यह बिस्मथ का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसका उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, अग्नि सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक घटकों सहित अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला में किया जाता है। बिस्मुथिनाइट में एक जटिल क्रिस्टल संरचना होती है जो बिस्मथ सल्फाइड की परतों से बनी होती है। अणु एक विशिष्ट तरीके से व्यवस्थित होते हैं। खनिज में उच्च घनत्व और उच्च गलनांक होता है, और यह संक्षारण और ऑक्सीकरण के लिए प्रतिरोधी होता है। बिस्मुथिनाइट भी पीज़ोइलेक्ट्रिक है, जिसका अर्थ है कि यह यांत्रिक तनाव के अधीन होने पर विद्युत आवेश उत्पन्न कर सकता है। कुल मिलाकर, बिस्मुथिनाइट अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ एक महत्वपूर्ण खनिज है, और यह बहुमुखी तत्व बिस्मथ का एक मूल्यवान स्रोत है।



