


मध्यकाल के बाद के काल को समझना: सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन का एक संक्रमणकालीन युग
"उत्तर-मध्यकाल" शब्द का उपयोग मध्य युग के बाद के इतिहास की अवधि का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जो लगभग 15वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक फैला हुआ है। इस अवधि में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन देखे गए, जिन्होंने मध्ययुगीन युग से आधुनिक युग में संक्रमण को चिह्नित किया। मध्ययुगीन काल के बाद, यूरोप ने पुनर्जागरण, प्रोटेस्टेंट सुधार, युग जैसी प्रमुख घटनाओं की एक श्रृंखला का अनुभव किया। अन्वेषण का, और ज्ञानोदय का। इन घटनाओं का समाज, संस्कृति और राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा, जिससे नए विचारों, प्रौद्योगिकियों और संस्थानों का उदय हुआ, जिन्होंने आधुनिक दुनिया को आकार दिया। "उत्तर-मध्ययुगीन" शब्द का प्रयोग अक्सर "मध्ययुगीन" काल के विपरीत किया जाता है। , जो 5वीं से 15वीं शताब्दी तक की शताब्दियों को संदर्भित करता है। मध्ययुगीन काल की विशेषता सामंती व्यवस्था, कैथोलिक चर्च का प्रभुत्व और राज्यों और साम्राज्यों का उदय था। इसके विपरीत, उत्तर-मध्ययुगीन काल में सामंतवाद का पतन, राष्ट्र-राज्यों का उदय और नए धार्मिक आंदोलनों और बौद्धिक प्रवृत्तियों का उदय देखा गया। कुल मिलाकर, "उत्तर-मध्ययुगीन" शब्द यूरोप में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डालता है। यह अवधि मुख्य रूप से कृषि प्रधान और सामंती समाज से अधिक शहरीकृत, औद्योगिक और धर्मनिरपेक्ष समाज में संक्रमण का प्रतीक है जिसने आधुनिक सभ्यता की नींव रखी।



