


वुडब्लॉक प्रिंटिंग की स्थायी विरासत: कला और संचार के लिए एक कालातीत तकनीक
वुडब्लॉक प्रिंटिंग एक लकड़ी के ब्लॉक का उपयोग करके कागज पर पाठ या छवियों को मुद्रित करने की एक तकनीक है जिसे वांछित डिजाइन के साथ उकेरा गया है। अंतिम छवि बनाने के लिए ब्लॉक पर स्याही लगाई जाती है और फिर कागज पर दबाया जाता है। इस तकनीक का उपयोग सदियों से दुनिया के कई हिस्सों में किया जाता रहा है, खासकर पूर्वी एशिया में, जहां इसकी उत्पत्ति हुई थी। वुडब्लॉक प्रिंटिंग का व्यापक रूप से चीन में तांग राजवंश (618-907 ईस्वी) के दौरान उपयोग किया गया था और बाद में एडो काल के दौरान जापान में लोकप्रिय हो गया। (1603-1867 ई.) इसका उपयोग मध्य युग और पुनर्जागरण के दौरान यूरोप में भी किया जाता था, लेकिन नक़्क़ाशी और लिथोग्राफी जैसी अन्य मुद्रण तकनीकों के आगमन के साथ इसकी लोकप्रियता में गिरावट आई। वुडब्लॉक प्रिंटिंग का उपयोग आज भी दुनिया के कुछ हिस्सों में किया जाता है, विशेष रूप से पारंपरिक कला रूपों के लिए जापानी ukiyo-e प्रिंट और कोरियाई हांजी प्रिंट के रूप में। इसका उपयोग कुछ कलाकारों और प्रिंट निर्माताओं द्वारा अद्वितीय और हस्तनिर्मित प्रिंट बनाने के तरीके के रूप में भी किया जाता है।



