


शाहदा को समझना: आस्था की इस्लामी घोषणा
शाहदा (الشهادة) आस्था की इस्लामी घोषणा है, और यह इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। यह एक ऐसा कथन है जो इस्लाम की मूल मान्यताओं को व्यक्त करता है और इसे मुसलमानों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। शहादा अरबी में लिखा गया है और इसमें दो भाग हैं:
1. ला इलाहा इल्लल्लाह (لا إله إلا الله) - "अल्लाह के अलावा कोई भगवान नहीं है"
2. मुहम्मदुन रसूलुल्लाह (محمد رسول الله) - "मुहम्मद अल्लाह के दूत हैं"
शहादा का पहला भाग ईश्वर की एकता पर जोर देता है, और दूसरा भाग मुहम्मद (उन पर शांति हो) की भविष्यवाणी की पुष्टि करता है। शहादा का पाठ करके, मुसलमान एक ईश्वर में अपने विश्वास और मुहम्मद को ईश्वर द्वारा भेजे गए अंतिम पैगंबर के रूप में स्वीकार करते हैं। शाहदा इस्लामी प्रथा का एक मूलभूत पहलू है और दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा इसका प्रतिदिन पाठ किया जाता है।



