


हवाई संस्कृति में काहिली का प्रतीकात्मक महत्व
काहिली एक प्रकार का पंखदार लबादा या केप है जिसे पारंपरिक रूप से हवाईयन राजघराने और प्रमुखों द्वारा पहना जाता था। यह माओली (हवाई हंस) की पूंछ के पंखों से बनाया गया था और इसे शक्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था। काहिली अक्सर महत्वपूर्ण समारोहों और आयोजनों के दौरान पहनी जाती थी, जैसे कि नए राजा या रानी का राज्याभिषेक, और पहनने वाले के उच्च पद और स्थिति को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता था। आज, काहिली का उपयोग अभी भी हवाईयन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में किया जाता है और इसे हवाईयन विरासत और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।



