


आलू में ब्लैकलेग रोग को समझना: कारण, लक्षण और नियंत्रण के उपाय
ब्लैकलेग एक ऐसी बीमारी है जो आलू और अन्य सॉलेनैसियस पौधों को प्रभावित करती है, जो इरविनिया कैरोटोवोरा जीवाणु के कारण होती है। इसे "ब्लैक लेग" या "ब्लैक स्पॉट" के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग के कारण संक्रमित पौधों के कंदों पर काले, धंसे हुए घाव दिखाई देते हैं, जिससे सड़न और सड़न हो सकती है। ब्लैकलेग आमतौर पर ठंडे, गीले मौसम वाले क्षेत्रों में पाया जाता है और दूषित बीज आलू या संक्रमित मिट्टी के माध्यम से फैल सकता है। ब्लैकलेग के लक्षणों में शामिल हैं:
* संक्रमित पौधों के कंदों पर गहरे, धंसे हुए घाव। * प्रभावित ऊतकों की नरम, गूदेदार बनावट। * घावों से निकलने वाली दुर्गंध, पत्तियों का पीला पड़ना या भूरा होना, समय से पहले पौधे का झड़ना या मरना, ब्लैकलेग को प्रतिरोधी किस्मों के उपयोग, फसल चक्र और बीज आलू के उचित भंडारण और रखरखाव के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। कवकनाशी भी रोग को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन रोग को फैलने से रोकने के लिए लक्षण प्रकट होने से पहले उनका उपयोग किया जाना चाहिए।



