


एबुलियोस्कोपी को समझना: नेत्र स्वास्थ्य के लिए एक मूल्यवान निदान उपकरण
एबुलियोस्कोपी एक मेडिकल डायग्नोस्टिक परीक्षण है जिसका उपयोग आंख के अंदर, विशेष रूप से रेटिना और ऑप्टिक डिस्क की जांच करने के लिए किया जाता है। इसमें रक्तप्रवाह में एक विशेष डाई इंजेक्ट की जाती है, जो आंख के फंडस (पीठ) में इकट्ठा होती है और रेटिना वाहिकाओं और ऊतकों को उजागर करती है। यह डॉक्टरों को आंख की रक्त वाहिकाओं को देखने और किसी भी असामान्यता या बीमारी का पता लगाने की अनुमति देता है, जैसे डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैक्यूलर डिजनरेशन, या रेटिनल डिटेचमेंट। यह परीक्षण एक नेत्र रोग विशेषज्ञ या अन्य प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवर द्वारा किया जाता है, और आमतौर पर इसमें लगभग 15-30 मिनट लगते हैं। पूरा। रोगी को आरामदायक स्थिति में बैठाया जाएगा और आंखों को आई ड्रॉप या लोकल एनेस्थेटिक से सुन्न कर दिया जाएगा। फिर थोड़ी मात्रा में डाई को बांह की नस में इंजेक्ट किया जाता है, और डॉक्टर रेटिना और ऑप्टिक डिस्क की छवियों को कैप्चर करने के लिए एक विशेष कैमरे का उपयोग करेंगे।
एबुलियोस्कोपी विभिन्न आंखों की स्थितियों के निदान और निगरानी के लिए एक मूल्यवान उपकरण है, और डॉक्टरों की मदद कर सकता है। समस्याओं का शीघ्र पता लगाएं और दृष्टि हानि को रोकें। आंखों के स्वास्थ्य की अधिक संपूर्ण तस्वीर प्रदान करने के लिए इसका उपयोग अक्सर अन्य नैदानिक परीक्षणों, जैसे फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी या ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) के संयोजन में किया जाता है।



