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कार्डियोग्राम को समझना: प्रकार, उपयोग और निदान

कार्डियोग्राम हृदय की विद्युत गतिविधि का एक ग्राफिकल प्रतिनिधित्व है। इसे हृदय द्वारा उत्पन्न होने वाले विद्युत संकेतों को रिकॉर्ड करके और फिर उन संकेतों को एक ग्राफ़ पर प्लॉट करके बनाया जाता है। परिणामी चार्ट प्रत्येक दिल की धड़कन को बनाने वाले विद्युत आवेगों के समय और अवधि को दर्शाता है, साथ ही हृदय की लय में कोई असामान्यता या अनियमितता भी दिखाता है।

कार्डियोग्राम कई प्रकार के होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी): यह कार्डियोग्राम का सबसे सामान्य प्रकार है, और यह त्वचा पर लगाए गए इलेक्ट्रोड का उपयोग करके हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।
2. होल्टर मॉनिटर: यह एक पोर्टेबल उपकरण है जो 24 घंटे की अवधि में हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है।
3. इवेंट मॉनिटर: यह एक पोर्टेबल उपकरण है जो हृदय की विद्युत गतिविधि को लंबे समय तक, आमतौर पर 1-2 सप्ताह तक रिकॉर्ड करता है।
4. इम्प्लांटेबल लूप रिकॉर्डर: यह एक छोटा उपकरण है जिसे छाती की त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है और लंबे समय तक, आमतौर पर कई वर्षों तक हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। कार्डियोग्राम का उपयोग हृदय स्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला के निदान और निगरानी के लिए किया जाता है, जिसमें शामिल हैं अतालता, कोरोनरी धमनी रोग, और हृदय विफलता। उनका उपयोग कुछ दवाओं की प्रभावशीलता की निगरानी करने और कुछ चिकित्सा प्रक्रियाओं से जुड़ी किसी भी संभावित जटिलताओं या जोखिम का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है।

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