


विट्रुवियस - शास्त्रीय वास्तुकला के जनक
विट्रुवियस एक रोमन वास्तुकार और इंजीनियर थे जो पहली शताब्दी ईसा पूर्व में रहते थे। उन्हें उनके काम "डी आर्किटेक्चर" के लिए जाना जाता है, जो अब तक के वास्तुकला पर सबसे प्रभावशाली कार्यों में से एक है। पुस्तक में शहर की योजना, निर्माण सामग्री और वास्तुशिल्प डिजाइन जैसे विषयों को शामिल किया गया है, और इसे वास्तुकला पर सबसे पुराने जीवित ग्रंथों में से एक माना जाता है। विट्रुवियस का जन्म इटली में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपना अधिकांश जीवन ग्रीस और एशिया माइनर में काम करते हुए बिताया। उन्हें एक वास्तुकार और इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित किया गया था, और उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं पर काम किया, जिसमें डेल्फी में अपोलो के मंदिर का निर्माण भी शामिल था। विट्रुवियस के सबसे प्रसिद्ध विचारों में से एक "गोल्डन रेशियो" की अवधारणा है, जो यह एक गणितीय अनुपात है जिसे सौंदर्य की दृष्टि से सुखदायक माना जाता है। उन्होंने इमारतों के लिए अनुपात की एक प्रणाली भी विकसित की, जिसका उपयोग आज भी किया जाता है। विट्रुवियस के काम का पश्चिमी वास्तुकला के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा, और उनके विचारों का सदियों से वास्तुकारों और डिजाइनरों द्वारा अध्ययन किया गया है। उनके काम को शास्त्रीय वास्तुकला की आधारशिलाओं में से एक माना जाता है, और यह आज भी वास्तुकारों और डिजाइनरों को प्रेरित करता है।



