


चरखा: एक पारंपरिक भारतीय चरखा और कपड़ा उत्पादन में इसका महत्व
चरखा (चरखा) एक पारंपरिक भारतीय चरखा है, जिसका उपयोग कपास या अन्य रेशों को सूत बनाने के लिए किया जाता है। यह भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बुनाई और कपड़ा उत्पादन के लिए एक आवश्यक उपकरण है। चरखा हाथ से चलता है, धुरी को घुमाने के लिए पैडल या हैंडल का उपयोग किया जाता है। चरखा सदियों से भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जो कई परिवारों को रोजगार और आत्मनिर्भरता प्रदान करता है। हालाँकि, मशीनीकृत कताई मशीनों के आगमन और पारंपरिक कपड़ा उद्योगों के पतन के साथ, हाल के वर्षों में चरखे का उपयोग कम हो गया है। फिर भी, कुछ कारीगरों और बुनकरों द्वारा उनका उपयोग जारी है जो उनकी पारंपरिक शिल्प कौशल और हाथ से उत्पादित धागे की अनूठी बनावट और गुणवत्ता को महत्व देते हैं।



