


मिस्र के खेडिव्स: ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत वायसराय
खेडिव (खेडिव भी लिखा जाता है) मिस्र के वायसराय द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली उपाधि थी, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के तहत देश के गवर्नर थे। यह शीर्षक 1879 में ब्रिटिशों द्वारा पेश किया गया था, और इसका उपयोग 1922 में मिस्र को अपनी आजादी मिलने तक किया गया था। "खेदिवे" शब्द अरबी वाक्यांश "खदीवः" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "डिप्टी" या "वायसराय।" खेडिवों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था, और वे ब्रिटिश क्राउन की ओर से मिस्र के प्रशासन के लिए जिम्मेदार थे। उनके पास बहुत अधिक शक्ति और अधिकार थे, लेकिन वे ब्रिटिश सरकार की निगरानी के अधीन भी थे। देश को आधुनिक बनाने के प्रयास। मिस्र के खेडिव और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध के लिए जाने जाते हैं। कुल मिलाकर, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की अवधि के दौरान खेडिव ने मिस्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे ब्रिटिश नीतियों को लागू करने और देश के मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे, लेकिन उन्हें उस समय के जटिल राजनीतिक परिदृश्य से भी निपटना था।



